इसरो ने चंद्रयान-3 की यात्रा के बारे में अहम सूचना प्रदान की और बताया की प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर ‘विक्रम’ 17 अगस्त को दोपहर 1.15 पर अलग हो गया है. 23 अगस्त को चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर उतरना है.
अपनी सफलता से कुछ दिन दूर है भारत का महत्वाकांक्षी मिशन, चंद्रयान-3. लैंडर विक्रम चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉडयूल से अलग होने के बाद चांद पर लैंड करने तक की दूरी अकेले तय करेगा. विक्रम साराभाई, जो की भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के पितामह कहे जाते हैं, उनके नाम पर लैंडर का नाम रखा गया है.
23 अगस्त को विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. विक्रम रोवर में रखा है ‘प्रज्ञान’ रोवर जो चांद पर भेजा गया है. यह रोवर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चांद पर घूम कर डेटा जुटाने का काम करेगा. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अभी तक दुनिया के किसी देश को अपना लैंडर उतारने में कामयाबी नहीं मिली है.
इसरो ने त्वीट करके दी जानकारी
इसरो ने ट्विटर पर एक त्वीट करके यह जानकारी दी. इसरो ने त्वीट में लिखा की “लैंडर मॉड्यूल (LM) अब प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है. इसके बाद लैंडर मॉड्यूल कल शाम 4 बजे के आसपास ‘डी-बूस्टिंग’ करेगा, जिससे उसका ऑर्बिट चांद के और करीब आ जाएगा.”
इसरो ने बताया की लैंडर मॉडयूल जिसमे लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान है शुक्रवार शाम 4 बजे के करीब चंद्रमा के ऑर्बिट में और निचे पहुंच जाएगा. 23 अगस्त को इसी जगह से चंद्रमा पर लैंड करवाया जाएगा विक्रम लैंडर को.
लैंडिंग की तैयारी
विक्रम लैंडर अपने प्रोपल्शन से अलग होने के बाद अपना ऑर्बिट कम करने के लिए 2 मैन्युवर करेगा. पहला मैन्युअवर उसे 100X100 किलोमीटर के सर्कुलर ऑर्बिट यानी गोलाकार कक्षा में स्थापित करेगा, जबकि दूसरा चांद की सतह से मैक्सिमम 100 किलोमीटर और मिनिमम 30 किलोमीटर के ऑर्बिट में ले जाएगा. आखिरकार, विक्रम लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर.
चंद्रयान-3 की टाइमलाइन
14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया.
- 14 जुलाई 2023 : चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया
- 1 अगस्त 2023 : चंद्रयान-3 का ट्रांसलूनर ऑर्बिट में प्रवेश
- 17 अगस्त 2023 : लैंडर और रोवर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हुए
- 23 अगस्त 2023 : चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब सॉफ्ट लैंडिंग की संभा