सुप्रीम कोर्ट 24 मार्च को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में 14 राजनीतिक दलों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी केंद्रीय एजेंसियों के “मनमाने उपयोग” के खिलाफ गिरफ्तारी और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के खिलाफ दायर एक संयुक्त याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया. विपक्षी नेता जो नरेंद्र मोदी सरकार से असहमति या असहमत होने का अपना मौलिक अधिकार व्यक्त करते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. के समक्ष तत्काल उल्लेख करते हुए. चंद्रचूड़, वरिष्ठ वकील ए.एम. सिंघवी ने “विपक्षी राजनीतिक नेताओं और अन्य नागरिकों के खिलाफ जबरदस्ती आपराधिक प्रक्रियाओं के उपयोग में खतरनाक वृद्धि” की ओर ध्यान आकर्षित किया.
श्री सिंघवी ने कहा कि याचिका 42% राजनीतिक स्पेक्ट्रम वाले संयुक्त मोर्चे का प्रतिनिधित्व करती है और इसमें कांग्रेस, डीएमके, राजद, बीआरएस, तृणमूल कांग्रेस, आप, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), जेएमएम, जेडी (यू), सीपीआई जैसी पार्टियां शामिल हैं. (एम), सीपीआई, समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस), पिछले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा चुनावों में डाले गए 45.19% वोटों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और 2019 के आम चुनावों में 42.5% वोटों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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