मध्य प्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे केजरीवाल के 10 नेता बीजेपी के खेमे में चले गए हैं. जो केजरीवाल के मुंह पर तगड़ा तमाचा है. दरअसल कुछ दिन पहले ममता मीणा बीजेपी से आप में शामिल हुए थे. तो केजरीवाल की खुशी का ठिकाना नहीं था.
और केजरीवाल भी भूल गए थे कि अब बीजेपी उनके साथ कुछ बड़ा करने वाली है. एक के बदले में बीजेपी ने आप के 10 नेताओं को अपने पाले में कर लिया है.एमपी में चुनाव से पहले ही केजरीवाल के खेमें में मातम परस गया है. वहीं आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सभी नेताओं का बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रह्लाद पटेल ने जोरों शोरों से स्वागत किया है.
राजकुमार केजरीवाल को धक्का देकर बीजेपी के टिकट पर जाकर बैठ गए. सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं पंजाब में भी आम आदमी पार्टी मुसीबत में फंस गई है. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को सरकारी कर्जे को लेकर घेरा है. सिद्धू ने कहा है कि पंजाब अगले 10 साल में कंगाल हो जाएगा. सिद्धू के मुताबित पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अभी तक के कार्यकाल में 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया है.
सिंद्धू ने आरोप लगाया कि भगवंत मान इन सभी सवालों से पहले भी भाग रहे थे और आज भी भाग रहे हैं.नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि पंजाब में एक सिस्टम के जरिए एक माफिया काम कर रहा था. AAP माफिया को ख़त्म करने आई थी और कहती थी कि एक नई व्यवस्था बनानी है, लेकिन वही AAP जो व्यवस्था बदलना चाहती थी, आज उसी व्यवस्था की मैनेजर-इन-चीफ है. उनकी नीति यह है कि पंजाब चाहे बर्बाद हो जाए, लेकिन वोट बैंक की नीति मजबूत रहे.
सिद्धू ने साफ साफ आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी पंजाब की सत्ता में झूठ बोलकर आई थी. माफिया खत्म करने का वादा किया था. लेकिन खुद ही माफियाओं की गुरू बन गई है. ये काम सिर्फ पंजाब ही नहीं दिल्लीवालों के साथ भी हो रहा है. आम आदमी पार्टी ने पहले शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाकर अपनी जेब भरकर राज्य को नुकसान पहुंचाया . और अब बाकी प्रोजेक्ट से पंजाब को लूट रही है. राज्य को कर्ज के नर्क में धकेल रही है. राज्यपाल पहले ही इस बात को लेकर भगवंत मान पर सख्ती दिखा चुके हैं.
और कहा कि कैग की रिपोर्ट कहती है कि अगले 5-10 साल में पंजाब दिवालिया हो जाएगा और इसके सामने कोई रास्ता नहीं है. राज्य का ऋण-से-जीडीपी अनुपात 50 फीसदी के करीब है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत अधिक है. राज्य का कर्ज अब अस्थिर स्तर पर है. पंजाब के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि मौजूदा भगवंत मान सरकार के 1 साल 6 महीने में लिए गए कर्ज में 50,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी है. अगले मार्च तक यह बढ़कर 70000 करोड़ रुपए हो जाएगा AAP की भगवंत मान सरकार कर्ज लेने के मामले में ‘फरारी’ पर सवार है.