आयकर विभाग के ताबड़तोड़ एक्शन से केजरीवाल के बाद राहुल गांधी के घर में बवाल मच गया है. चौंकाने वाली खबर ये है कि जितनी भी तिजोरियां पकड़ी गई है वो राहुल और गहलोत के बेहद करीबी कांग्रेस नेता की बताई जा रही है. जिसमें बीजेपी नेता के दावे के बाद छापेमारी की गई तो.

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किरोणीलाल मीणा ने कहा कि मैंने दावा किया था कि गणपति प्लाजा के लॉकर्स में करोड़ों का कालाधन और सोना है. आज ये बात सच साबित हो गई है. लॉकर्स से करोड़ों का कैश और सोना निकल रहा है.

हालही में ईडी ने पेपर लीक घोटाले की जांच करते हुए राजस्थान में कांग्रेस नेता के कई ठिकानों पर छापेमारी की. जयपुर, जोधपुर और डूंगरपुर में कांग्रेस नेता दिनेश खोड़निया, स्पर्धा चौधरी और अशोक जैन के ठिकानों को करीब 12 घंटों तक खंगाला गया. जिसमें ईडी को ऐसे ऐसे सबूत हाथ लगे कि जांच अधिकारी भी दंग रह गए.

खुलासा हुआ कि गहलोत की नाक के नीचे उनके ही नेता सिस्टम को लूट रहे हैं. और सीएम साहब कुर्सी पर बैठकर तमाशा देख रहे हैं. लेकिन अब ईडी ने नकेल कसते हुए दिनेश खोड़निया और अशोक जैन से 12 घंटें तक पूछताछ की. जिसमें कांग्रेस नेता ने ऐसा खुलासा कर दिया है कि जिससे कांग्रेस का चुनावी खेल बिगड़ गया है.

दावा किया जा रहा है कि जयपुर में 100 निजी लॉकरों में 500 करोड़ रुपये का कालाधन और 50 किलोग्राम सोना रखा है. किरोणीमल के ऐलान ने राज्य में सियासी पारा हाई कर दिया है. केंद्रीय जांच एजेंसिया सतर्क हो गई है. और फिर बिना देरी किए लॉकरों को खोलने का काम शुरू कर दिया.

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बीजेपी ने मीणा को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सवाई माधोपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में मीणा ने कांग्रेसियों के घोटाले पर बड़ी चोट मारकर कांग्रेस का खेल बेनकाब कर दिया है. क्योकि कांग्रेसियों का घोटाला चुनाव में बड़ा मुद्दा बना हुआ है. जनता भी इस बार कांग्रेस को सबक सिखाने के मूड में आ गई है. वहीं देशभर में केंद्रीय एजेंसियों की ये पहली कार्रवाई नहीं है.

राजस्थान के अलावा बाकी कई राज्यों में भी जांच टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. बेंगलुरूर के वन बेडरूम फ्लैट के अंदर से एक ऐसा जाल बुना जा रहा था. जिसमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना के लोग सीधे-साधे फंस रहे थे. हैरानी की बात तो ये है कि एक बेडरूम के फ्लैट से ही करोड़ों अरबों रुपये लूटने का काम चल रहा था.

चौंकाने वाली खबर तो ये है कि इन रुपयों को लूटने का काम दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहे थे. बेंगलुरु के इस स्कैम के खुलासे से तो पुलिस भी दंग रह गई है. क्योंकि जांच में खुलासा हुआ है कि दो लोगों ने सिर्फ दो साल में 854 करोड़ रुपये लूट लिए है. तो कैसे इस बड़े घोटाले की शुरुआत हुई.