अदालत की छुट्टियों को “औपनिवेशिक विरासत” बताते हुए एक संसदीय पैनल ने सिफारिश की है कि लंबित मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बारी-बारी से छुट्टियों पर जाएं.
भाजपा सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता वाले पैनल ने अदालत की छुट्टियों पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा के एक सुझाव का भी समर्थन किया. इसमें कहा गया, “सभी न्यायाधीशों के एक ही समय में छुट्टी पर जाने के बजाय, अलग-अलग न्यायाधीशों को साल भर में अलग-अलग समय पर छुट्टी लेनी चाहिए ताकि अदालतें लगातार खुली रहें और मामलों की सुनवाई के लिए हमेशा बेंच मौजूद रहें”, और यह “न्यायपालिका द्वारा इस पर विचार किया जाना चाहिए”.
भाजपा के मुलायम सुशील मोदी के पैनल ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की एक सलाह का भी समर्थन किया. कहा, “सभी जजों को एक ही समय में छुट्टी पर जाने के बजाय, अलग-अलग जजों को साल भर में अलग-अलग समय पर छुट्टी लेनी चाहिए ताकि अदालतें लगातार खुली रहें और मामलों की सुनवाई के लिए बेंच हमेशा मौजूद रहें”, यह और” न्यायिक द्वारा इस पर विचार किया जाना चाहिए”.
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