भारत के विपक्षी गुट ने देश में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर “सांप्रदायिक नफरत” को बढ़ावा देने में उनकी कथित संलिप्तता के संबंध में मेटा, मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से संपर्क किया है. उन्होंने इन प्लेटफार्मों से आगामी चुनावों के दौरान तटस्थता बनाए रखने का आह्वान किया है.
ये पत्र वाशिंगटन पोस्ट के एक लेख से प्रेरित थे, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में फेसबुक, व्हाट्सएप और यूट्यूब पर कथित पूर्वाग्रह के बारे में चिंता जताई गई थी
खड़गे ने कहा कि भारत की पार्टियों ने वाशिंगटन पोस्ट की व्यापक जांच का संदर्भ देते हुए Google के श्री सुंदर पिचाई को भी लिखा है, जिसका तात्पर्य है कि अल्फाबेट और विशेष रूप से यूट्यूब, भारत में सामाजिक वैमनस्यता और सांप्रदायिक नफरत को भड़काने में योगदान दे रहा है.
मार्क जुकरबर्ग को लिखे अपने पत्र में, भारत में 28 राजनीतिक दलों के गठबंधन, भारत राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) का प्रतिनिधित्व करने वाले विपक्षी दलों ने 11 राज्यों और सभी भारतीय मतदाताओं के लगभग आधे हिस्से में अपने प्रतिनिधित्व पर जोर दिया.
उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा देने में व्हाट्सएप और फेसबुक की भूमिका से संबंधित वाशिंगटन पोस्ट के खुलासे की ओर इशारा किया. लेख में विस्तार से बताया गया है कि भाजपा सदस्यों और समर्थकों द्वारा व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से विभाजनकारी प्रचार कैसे फैलाया जाता है.