कांगेस को जनता ने खारिज कर दिया पर इस सत्य को कांग्रेस पार्टी स्वीकार करने को तैयार नहीं है. कांग्रेस पार्टी को लगता हैं कि जमीन से लेकर आसमान तक नेहरु खानदान का कॉपीराइट हैं. हर संस्थान पर सिर्फ उन्ही का कब्जा हैं.
14 नवंबर 2008 को, चंद्रमा प्रभाव जांच 14:36 पर चंद्रयान ऑर्बिटर से अलग हो गई और नियंत्रित तरीके से दक्षिणी ध्रुव से टकराई. 15:01 पर क्रेटर शेकलटन के पास पहुंची. प्रभाव के स्थान का नाम जवाहर पॉइंट रखा गया.
ताजा कांग्रेस की स्थिती ये हैं कि चंद्रयान 3 की सफलता का क्रेडिट भी कांग्रेस पार्टी जवाहलाल नेहरु को देने में जुटी हैं. और आज आपको एक ऐसी खबर बताएंगे जिससे आप कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को और आसानी से समझेगे. दरअसल जिस स्थान पर चंद्रयान-1 पहुंचा था उस जगह का नाम सोनिया की सरकार ने जवाहर प्वाइंट रख दिया था.
14 नवंबर 2008 को चंद्रयान-1 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था लेकिन तब तक उसने चांद की सतह पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि कर दी थी. चंद्रयान-1 का डेटा इस्तेमाल करके चांद पर बर्फ की पुष्टि कर ली गई थी. ये भी एक बड़ी उपल्बधी जरुर थी. जिस स्थान पर चंद्रयान-1 पहुंचा था उस जगह का नाम कांग्रेस सरकार ने जवाहर प्वाइंट रख दिया था.