विपक्षी गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में पंजाब मामले में एक बार फिर से तलवारें खिंच गई हैं जो विपक्षी गठबंधन की एकता के लिए ग्रहण साबित हो रहा है. विपक्षी गठबंधन में केजरीवाल शामिल हुए हैं तो अपने फायदे के लिए, नीतीश कुमार शामिल हुए तो वो भी अपने फायदे के लिए.
दरअसल पंजाब कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की पार्टी में ये पूरा महायुद्ध कॉन्ग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी के बाद से शुरू हुआ है. इसी वजह से आम चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए बनाए गए I.N.D.I. गठबंधन की पंजाब में भयंकर दुर्गति हो रही है. पंजाब कॉन्ग्रेस के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि 2024 के आम चुनावों में पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन ‘डेथ वारंट’ जैसा होगा.
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है साल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पंजाब में AAP से गठबंधन कॉन्ग्रेस के डेथ वारंट जैसा होगा और हम कॉन्ग्रेस को ध्वस्त नहीं होने देना चाहते. अगर हमें लोकसभा चुनावों में पंजाब से 10-11 सीटें मिल गईं तो हम भगवंत मान की सरकार गिरा सकते हैं. आम आदमी पार्टी के कई विधायक हमारे सम्पर्क में हैं. हमें जब भी मौक़ा मिलेगा, हम सरकार गिरा देंगे.
खैरा को सुप्रीम कोर्ट से भी एक तरह की क्लीन चिट मिल चुकी है. बाजवा ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता, जिलाध्यक्ष और विधायक कोई भी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं चाहता है. कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी, एक दूसरे के खिलाफ एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.
कांग्रेस विधायक खैरा क्यों हुए गिरफ्तार?
कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को 28 सितंबर को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें 2015 के एक ड्रग केस में गिरफ्तार किया गया. उनपर कथित रूप से एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले चल रहे हैं. इस केस में उनसे कई बार पूछताछ की जा चुकी है. ईडी इस मामले तकरीबन 8 साल से पूछताछ कर रही है.
हाईकोर्ट ने जनवरी 2022 में याचिकाकर्ता यानी कांग्रेस विधायक को इस मामले में सशर्त जमानत दी थी. इसके बाद एनडीपीएस मामले को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल फरवरी में उन्हें राहत देते हुए एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामले को रद्द करने का आदेश दिया था.
आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री अनमोल गगन मान ने कुछ दिन पहले बयान देकर ये साफ कर दिया किया था कि राज्य में कॉन्ग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं होगा. पंजाब में हो रही कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी की इस लड़ाई ने I.N.D.I.गठबंधन के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं.
कॉन्ग्रेस नेता अलका लांबा भी कह चुकी हैं कि दिल्ली में लोकसभा चुनावों के लिए कॉन्ग्रेस सभी सात सीटों पर तैयारी करेगी. पंजाब और दिल्ली के अलावा केरल में भी कॉन्ग्रेस के सामने यही स्थिति है. केरल में कॉन्ग्रेस विपक्ष में है और वामपंथियों के पास सत्ता है.