उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक एक महिला का ‘हलाला’ के नाम पर शारीरिक शोषण करने के आरोप में उसके शौहर समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस का कहना है कि यहां एक महिला ने शिकायत की है कि 12 साल की शादी में उसे तीन बार तीन तलाक दिया गया और उसके पति के बहनोई के साथ ‘निकाह हलाला’ किया गया.

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महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उसके पति ने एक लाख रुपए दहेज की मांग करने पर शादी के दो साल बाद उसे तीन तलाक दे दिया. उसने उसे अपने बहनोई के साथ निकाह हलाला करने के लिए मजबूर किया और फिर उससे दोबारा शादी कर ली. अपर पुलिस अधीक्षक एएसपी नेपाल सिंह के मुताबिक, महिला की शिकायत पर उसके पति शाहिद और सास सहित चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा तीन सौ छिहत्तर डी चार सौ अट्ठानबे ए (गैरकानूनी मांग पूरी करने के लिए महिला को परेशान करना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान करना), धारा 506 (आपराधिक धमकी) और मुस्लिम महिला अधिनियम 2019 की धारा 3 और 4 (विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

क्या है निकाह हलाला?

मौजूदा मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रावधानों के मुताबिक अगर किसी मुस्लिम महिला का तलाक हो चुका है और वो उसी पति से दोबारा निकाह करना चाहती है, तो उसे पहले किसी और शख्स से शादी कर एक रात गुजारनी होती है. इसे निकाह हलाला कहते हैं. इसके बाद उस दूसरे शख्स से तलाक लेना होता है. ऐसा होने के बाद ही वो अपने पहले पति के साथ दोबारा शादी करके रह सकती है. कई मामले ऐसे सामने आते है जहां ये देखा गया है कि निकाह हलाला की विवादित प्रक्रिया का फायदा उठाकर रिश्तेदार या मौलवी मुस्लिम महिलाओं की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उनके साथ एक रात गुजारते हैं.

साधू के भेष में मंदिर में रह रहा था एक मुश्लिम शक्श

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मुस्लिम शख्स महीनों से साधु बनकर मंदिर में रह रहा था. वो मंदिर में रहकर पूजा अर्चना करता, लोग उसके पैर छूते थे और दान देते थे. मेरठ पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है.

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इस शख्स का असली नाम गुल्लू है, जिसे इसने बदलकर गुड्डू कर दिया था. ये हैरान करने वाला मामला मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र के गांव मटौर का है. यहां बने शिव मंदिर में एक शख्स रह रहा था जो मंदिर में पूजा अर्चना,साफ सफाई करता था. इसके साथ ये लोगों को आशीर्वाद देता था और मंदिर से जुड़े हर काम करता था. पुलिस ने साधु बनकर रहे इस शख्स को गिरफ्तार कर कर जेल भेज दिया. गुल्लू जनवरी से शिव मंदिर में रह रहा था. जिस व्यक्ति ने उसे मंदिर में रखा था, उस व्यक्ति की मौत के बाद वो पूरे मंदिर का मालिक बन गया था. इसके बाद वो मंदिर में पूजा अर्चना कराने लगा. भक्त उसे पुजारी समझते थे और वो इस वजह से उसके पैर छूते थे और वो बदले में उनको आशीर्वाद भी देता था.
सीओ अभिषेक पटेल ने इस पूरे मामले की जांच के लिए दो-तीन टीम गठित की हैं जो हरियाणा के पानीपत और मुजफ्फरनगर जाकर इस साधु के बारे में पता करेगी, वहीं साधु के पास से मिले आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि पर भी पुलिस को शक है. क्योंकि कद काठी से वो 35 साल से ऊपर का लग रहा था.

मौलवी को जूते चप्पलों से पीटा महिला शिक्षक ने

उत्तर प्रदेश के वाराणासी में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक शिक्षिका ने मदरसा प्रबंधक को जूते चप्पल से पीट दिया. मदरसे की अस्थायी शिक्षिका ने प्रबंधक पर पैसे हड़पने, शोषण और गर्भपात का आरोप लगाया.

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वहीं इस मामले में प्रबंधक का कहना है कि उसे फंसाया जा रहा है. शिक्षिका महिला होने का फायदा उठा रही है. वाराणसी के जैतपुरा क्षेत्र के मदरसा दायरतुल इस्लाह चिरांगे उलूम में 22 फरवरी 2009 से प्राइवेट टीचर के तौर पर एक आधुनिक शिक्षिका हिंदी पढ़ाती हैं. शिक्षिका का कहना है कि अब तक काफी प्राइवेट टीचर मदरसे में स्थाई हो गए, लेकिन जब उसने मदरसे के प्रबंधक रिजवान अहमद से अपने स्थायीकरण के बारे में बात की तो उसने 15 लाख रुपयों की मांग की. शिक्षिका ने इतने रुपए देने को लेकर असमर्थता जताई तो प्रबंधक ने शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला. एक दिन उसने जबरदस्ती संबंध बनाया, जब वो प्रेग्नेंट हो गई तो गर्भपात करा दिया.
शिक्षिका ने मामले की शिकायत वाराणसी की ADCP महिला अपराध ममता रानी से की. उन्होंने पीड़िता का बयान दर्ज करवाकर गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया. शिक्षिका ने कहा कि थाने में पुलिस गिरफ्तारी को लेकर फिर टाल-मटोल करने लगी. इस मामले में DCP काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि जैतपुरा थाने में नौकरी के नाम पर पैसे लेने और उत्पीड़न को लेकर केस पंजीकृत करा दिया गया है. मामले की विवेचना की जा रही है. जो भी साक्ष्य मिलेंगे, उनके मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी.